Sunday, July 17, 2016

कितना हसीन ये मौसम लगता है...

कितना हसीन ये मौसम लगता है
जब बादलों की रजाई ओढ़े
सूरज आसमान में सो जाता है

और पत्ते शाखों पर 
पहली बारिश में नहा कर
पूरे रंग से जब लहराते हैं

पंछी चहचहाने लगे
भीनी धरती से महेक उठे
और हवाएँ मद्धम सी बहे

तब गरम चाय की चुस्कियाँ
यारों की वो मस्तियाँ
सब यादें ताज़ा हो जाए



और वो बारिश की शाम
जब हाथों को थाम
बैठे थे पहलू में उसके

अज़ीज़ हर लम्हा तब उभरता है
कितना हसीन ये मौसम लगता है!

- ताइर

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