Saturday, September 22, 2012

अल्लाह बचाए या राम !

इस तरह हर रोज़, नीलाम हो रहा सरेआम,
वजूद-ए-हिन्दोस्ताँ मिट जाएगा, रहेगा सिर्फ नाम !

जनता आम और ज़िन्दगी कोडियों के दाम,
भ्रष्टाचारी और लाचारी, है सरकार का काम !

एक होने की बात पर, एक एक कर बंट जाए,
खुद का मतलब निकलते ही, हो जाए नियत हराम !

सदियों पुरानी ग़लती बड़े फक्र से दोहराई है,
तक़दीर की है बात अब, अल्लाह बचाए या राम !

Thursday, September 13, 2012

तब तक !

सरकार 'लाचार' हैं
देश को लूटें बगैर चल नहीं सकती
जनता 'बीमार' हैं
बातें करती हैं  पर लड़ नहीं सकती !

सभी देशभक्त है यहाँ पर
खुद का फ़ायदा हो तब तक
सभी ईमानदार है यहाँ पर
किंमत छोटी हो तब तक !

देश की चिंता सबको है
सिर्फ काम ना सूझे तब तक
इज्ज़त सबकी सलामत है
किस्सा ना खुले तब तक !