Sunday, November 13, 2016

ऐसी कतारें...

करेंसी बैन ने जीवन परिवर्तन कर दिया। २ दिन से जहाँ देखो वहाँ बस कतारें ही नज़र आ रही है। यह स्थिति किसी के लिए बड़ी दर्द दायीं है तो कोई इस हाल का लुत्फ़ उठा रहा है। मैंने अपनी समझ के हिसाब से इसे शब्द देने की कोशीश की...



लगी है ऐसी कतारें
बैंक और डाक खानों पर
सन्नाटा चींख रहा है
बाज़ार में खुली दुकानों पर।

A picture that speaks everything
शादी ब्याह का माहोल हो
या घर में कोई बीमारी
हाथ में लिए पैसा भी
सब पाते हैं लाचारी !

कुछ अपनी नोटों से, कुछ दूसरे हवालों से
परेशान सबका हाल है
पेहली बार कम या छोटी नोट वाला
लगता ज़्यादा खुशहाल है।

अफ़रातफ़री के माहोल में भी
कुछ तो अच्छी सीख है जो लो
बस नॉट नहीं लोग भी कमाओ
कागज़ से ही ना सब तोलो।

- ताइर

Sunday, July 17, 2016

कितना हसीन ये मौसम लगता है...

कितना हसीन ये मौसम लगता है
जब बादलों की रजाई ओढ़े
सूरज आसमान में सो जाता है

और पत्ते शाखों पर 
पहली बारिश में नहा कर
पूरे रंग से जब लहराते हैं

पंछी चहचहाने लगे
भीनी धरती से महेक उठे
और हवाएँ मद्धम सी बहे

तब गरम चाय की चुस्कियाँ
यारों की वो मस्तियाँ
सब यादें ताज़ा हो जाए



और वो बारिश की शाम
जब हाथों को थाम
बैठे थे पहलू में उसके

अज़ीज़ हर लम्हा तब उभरता है
कितना हसीन ये मौसम लगता है!

- ताइर

Monday, June 6, 2016

मेरी पसंद के चंद शेर

वो जो मेरी नाकामी की दुआएँ माँगते थे,
सुना है अब खुदा पे ही यकीन नहीं रखते!

इतनी खुराफ़ाती भी अच्छी नहीं है दिल,
लोग बुरा मान जातें है, बेपर्दा जो मिल।

मुनासिब कहाँ की सरेआम, हम ले नाम,
दोस्तों का काम था, सो कर गए तमाम!

थोड़ा 'हरामीपन' भी ज़रूरी है,
साफ़ दिल, दुनिया समझे मज़बूरी है!

रिश्तों में बदलाव आना लाज़मी था,
अब मैं उसी के रुख़ का आदमी था।

कुछ अधूरे ख्वाब यूँ भी बर आते हैं,
जब निगाह बंध हो, साफ नज़र आते हैं।

माना धुंधला है रास्ता पर नज़र तो है,
पहुँचना है कहाँ...अब खबर तो है !

ढल गई शाम भी, अब ठहर जा,
कोई है इंतज़ार में, जा, घर जा।

कभी कभी सुबह ऐसी खूबसूरत होती है,
ना किसी की खबर, ना कोई फ़िकर होती है।

लोग जो दिल के बहोत करीब होतेँ है,
सच में... बड़े ख़तरनाक रकीब होते है।

ज़िन्दगी भी कहाँ अपनी फ़ितरत बदलती है,
सपनों की लहर के बाद सैलाब उगलती है।

- ताइर